Visarjan

Visarjan
दिन भर की दौड़ धूप के बाद जब गोपाल जी अपने बड़े से केबिन में अपनी कुर्सी पर बैठे तो उनके चेहरे पर गहन संतोष के भाव थे। उनके ठीक सामने गोपाल जी के इष्ट देव ठाकुर जी की बड़ी सी तस्वीर लटकी थी। गोपाल जी बचपन से ही ठाकुर जी के परम भक्त थे। उनके परिवार का हर काम ठाकुर जी की आराधना से ही आरंभ होता था। गोपाल जी खड़े हुए और दोनो हाथ जोड़ कर नतमस्तक हो मन ही मन दोहराया,"प्रभु आपकी कृपा दृष्टि हम पर...More

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